शनिवार 8 नवंबर 2025 - 07:53
हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हौज़ा / अंजुमन-ए शरई शियान शरीअतआबाद यूसुफ़ अबाद बडगाम के ज़ेरे एहतेमाम अय्याम-ए फ़ातिमिय्या की मुनासबत पर मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर मजलिस-ए अज़ा आयोजित हुईं; इन मजालिस में खाड़ी से मोमिनीन व मोमिनात ने कसीर तादाद में शिरकत करके जनाब-ए सय्यदा सलामुल्लाह अलैहा को ख़िराज-ए तहसीन पेश किया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, अंजुमन-ए शरई शियान शरीअतआबाद यूसुफ़ अबाद बडगाम के ज़ेरे एहतेमाम अय्याम-ए फ़ातिमिय्या की मुनासबत पर मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर मजलिस-ए अज़ा आयोजित हुईं; इन मजालिस में खाड़ी से मोमिनीन व मोमिनात ने कसीर तादाद में शिरकत करके जनाब-ए सय्यदा सलामुल्लाह अलैहा को ख़िराज-ए तहसीन पेश किया।

पहली मजलिस दारुल अली मीरगंड बडगाम में, जबकि दूसरी और तीसरी मजलिस-ए अज़ा केंद्रीय इमामबारगाह आयतुल्लाह आगा सय्यद यूसुफ़, शारए फ़ज़्लुल्लाह बमनाह में आयोजित हुईं।

इन मजलिस-ए अज़ा का आग़ाज़ हसब-ए-मामूल कश्मीरी मर्सिया-ख़्वानी से हुआ।

इन मजलिस-ए अज़ा से हुज्जतुल इस्लाम आगा सय्यद मोहम्मद हादी मूसवी ने ख़िताब किया और हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की ज़िंदगी के मुख़्तलिफ़ पहुलूओं पर रौशनी डाली।

उन्होंने क़ुरआन के सूर ए नूर की आयत न 35 के ज़ेरे बयान जनाब सय्यदा फ़ातिमा अलैहा को नूर-ए इलाही का मज़हर क़रार देते हुए कहा कि उनका वुजूद हक़ के ज़ुहूर और बातिल के ज़वाल का ऐलान है; इसी लिए उनका वुजूद उन लोगों के लिए एतराज़ है जो हक़ से मुँह मोड़ते हैं।

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

उन्होंने मजीद कहा कि हज़रत फ़ातिमा अलैहा ने अपनी ज़िंदगी में ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ मगर बा-इज्ज़त एहतजाज किया।

उन्होंने कहा कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा ने ख़ुतबा-ए फ़दक के ज़रिए उम्मत को बेदार करने की कोशिश की; उनका सुखूत, उनका दर्द और उनका सब्र — सब एतराज़ की अलामत हैं, लिहाज़ा उनका वुजूद खुद ही ज़ुल्म पर खामोश मगर गहरा एहतजाज है।

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

हज़रत फ़ातिमा ने ज़ुल्म, अन्याय और हक़-तल्फ़ी के ख़िलाफ़ सब्र के साथ विरोध किया

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